बर्थराइट सिटिजनशिप और भारतीय-अमेरिकी समुदाय: ट्रंप के प्रस्ताव का विस्तृत विश्लेषण।

बर्थराइट सिटिजनशिप और भारतीय-अमेरिकी समुदाय: ट्रंप के प्रस्ताव का विस्तृत विश्लेषण। 2024-11-10
Rana Vanshmani
Rana Vanshmani

प्रस्ताव का संदर्भ और कानूनी पहलू।

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश किया गया बर्थराइट सिटिजनशिप (जन्मसिद्ध नागरिकता) समाप्त करने का प्रस्ताव अमेरिका में एक विवादास्पद विषय बन चुका है। ट्रंप का यह कदम अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के खिलाफ है, जो किसी भी व्यक्ति को अमेरिकी धरती पर जन्म लेने पर स्वचालित नागरिकता प्रदान करता है। 

14वां संशोधन, जो 1868 में नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए पारित किया गया था, ने अमेरिका में जन्मे प्रत्येक बच्चे को नागरिकता का अधिकार प्रदान किया, चाहे उनके माता-पिता की कानूनी स्थिति कुछ भी हो। यह संशोधन खासकर अमेरिका में गुलामी से मुक्त हुए अफ्रीकी अमेरिकी नागरिकों और उनके बच्चों के लिए था, लेकिन इसे व्यापक रूप से लागू किया गया, और आज यह नियम प्रवासी परिवारों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। 

ट्रंप का तर्क यह था कि जन्मसिद्ध नागरिकता के कारण अमेरिका में अवैध प्रवासियों का वंश बढ़ रहा है, और उनका कहना था कि यह प्रवासियों के लिए एक "चाकू" की तरह काम कर रहा है, जो अमेरिकी संसाधनों पर बोझ डाल रहा है। उनका यह बयान विशेष रूप से अवैध प्रवासियों और उनके बच्चों को निशाना बनाता है। 

भारतीय-अमेरिकी समुदाय और बर्थराइट सिटिजनशिप।

भारतीय-अमेरिकी समुदाय, जो आज अमेरिकी समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, इस प्रस्ताव से सीधे तौर पर प्रभावित हो सकता है। भारतीय-अमेरिकियों की संख्या लगभग 4 मिलियन है, और उनका योगदान अमेरिकी समाज के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है – चाहे वह प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, शिक्षा, या व्यापार हो। भारतीय परिवारों के लिए, अमेरिका में जन्मे उनके बच्चे स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिक बन जाते हैं। यह अधिकार न केवल उनके बच्चों के लिए सुरक्षा का संकेत है, बल्कि यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय को एक स्थिर और सशक्त स्थिति में रखता है।

सामाजिक सुरक्षा और पहचान:
अगर अमेरिकी कानून में परिवर्तन होता है, तो भारतीय-अमेरिकी समुदाय को एक गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। बर्थराइट सिटिजनशिप के बिना, भारतीय परिवारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी प्रयास करने पड़ सकते हैं कि उनके बच्चे को नागरिकता मिल सके। यह सामाजिक असुरक्षा और पहचान की समस्याओं का कारण बन सकता है। भारतीय-अमेरिकी परिवारों के लिए, उनका बच्चा एक "अमेरिकी" नागरिक बनकर ही पहचान प्राप्त करता है, लेकिन यदि यह अधिकार समाप्त हो जाता है, तो उन्हें एक ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा जिसमें उनके बच्चों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है।

वैश्विक दृष्टिकोण: अन्य देशों की नीतियाँ और तुलनात्मक अध्ययन।

अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता की नीति के समाप्त होने के विचार के संदर्भ में, अन्य देशों की नीति का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है। कनाडा, ब्राजील, और अर्जेंटीना जैसे देशों में जन्म से नागरिकता देने की नीति लागू है, जबकि भारत, चीन, और जापान जैसे देशों में यह नीति नहीं है। इन देशों में नागरिकता का अधिकार केवल तब दिया जाता है जब माता-पिता में से कोई एक नागरिक हो।

अमेरिका में बर्थराइट सिटिजनशिप के खिलाफ उठने वाले कदमों को देखने पर, यह सवाल उठता है कि क्या इस तरह के कदम से अमेरिका की वैश्विक स्थिति प्रभावित हो सकती है। खासकर उन देशों में, जहां यह नीति लागू नहीं है, अमेरिकियों को एक स्थिर और सुरक्षित नागरिकता प्रणाली की आवश्यकता महसूस हो सकती है। भारतीय प्रवासी, जिनकी संख्या अमेरिका में बढ़ रही है, विशेष रूप से इसके प्रभाव से प्रभावित हो सकते हैं।