भारत में दिवाली का पर्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही इसका ज्योतिषीय पहलू भी है जो हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। दीपों का यह त्योहार अमावस्या की रात को मनाया जाता है, जब प्रकाश अंधकार को दूर कर विजयी होता है। इस दिन देवी लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है ताकि जीवन में संपन्नता और खुशहाली का प्रवेश हो। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से दिवाली पर विशेष योग और ग्रह स्थितियां बनती हैं, जो इसे अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती हैं। आइए, दिवाली के ज्योतिषीय प्रभाव, इस दिन बनने वाले विशेष योग और लाभकारी उपायों को विस्तार से जानते हैं।
दिवाली का ज्योतिषीय महत्व और ग्रहों की विशेष स्थिति
दिवाली के दिन सूर्य तुला राशि में होता है, जिसे सूर्य के लिए नीच राशि माना जाता है। इस स्थिति में सूर्य की ऊर्जा कमजोर होती है, लेकिन इसी दिन वृषभ राशि में चंद्रमा उच्च स्थिति में होता है, जिससे वातावरण में सौम्यता और स्थिरता का संचार होता है। यह योग उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ होता है जो व्यापार और वित्त से जुड़े हैं।
वृषभ राशि में चंद्रमा के उच्च होने का संकेत यह भी है कि लक्ष्मी पूजन से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही, शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों का प्रभाव भी इस समय अधिक होता है, जो किसी की कुंडली में अशुभता बढ़ा सकते हैं। इस दिन कुछ विशेष उपायों से इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
दिवाली से पहले घर की शुद्धि और सफाई का महत्व
दिवाली से पहले घर की शुद्धि करना परंपरा है, क्योंकि लक्ष्मी देवी उन्हीं स्थानों पर निवास करती हैं जहाँ स्वच्छता और शुद्धता होती है। घर की शुद्धि में नमक का पानी या गंगाजल का छिड़काव करना नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है। मुख्य द्वार पर हल्दी, कुमकुम और अक्षत से स्वास्तिक बनाना शुभ माना जाता है, जिससे लक्ष्मी देवी का घर में स्थायी निवास होता है और घर की सुरक्षा होती है।
दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष 2024 में दिवाली का पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा। प्रदोष काल, जो शाम 5:30 बजे से 8:00 बजे तक होता है, इस समय लक्ष्मी पूजन करना शुभ माना जाता है। पंचमुखी दीपक जलाने से सभी दिशा-नक्षत्रों में ऊर्जा का प्रसार होता है। पूजा के दौरान श्री सूक्त या लक्ष्मी चालीसा का पाठ विशेष लाभकारी माना जाता है। पूजा के बाद घर के हर कोने में दीप जलाकर अंधकार को दूर किया जाना चाहिए। आंगन और छत पर भी दीप जलाने से घर में किसी अशुभ ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता।
कुंडली के ग्रह दोष दूर करने के उपाय
हर व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अलग होती है। दिवाली पर इन ग्रहों के दोष दूर करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं:
- शनि ग्रह की शांति के लिए काले तिल, लोहे का टुकड़ा और सरसों का तेल दान करना शुभ माना जाता है।
- राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए नीले रंग के फूलों का दान करना लाभकारी होता है।
- केतु ग्रह के लिए चांदी का दान और सफेद रंग के कपड़े दान करना शुभ माना गया है।
धन-संपत्ति में वृद्धि के उपाय
दिवाली पर लक्ष्मी देवी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं जो आपकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में सहायक हो सकते हैं:
- धन तेरस पर चांदी की लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदें और उसकी नियमित पूजा करें।
- घर के मुख्य द्वार पर पीली हल्दी का तिलक करें, जिससे व्यापार में वृद्धि होती है।
- पूजा के स्थान पर श्रीयंत्र स्थापित करें और उसकी पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में धन का प्रवाह बना रहता है।
- प्रदोष काल में सरसों के तेल का दीपक जलाकर उसे पीपल के वृक्ष के नीचे रखें, जिससे शनि के दोष कम होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति के उपाय
दिवाली के दौरान आतिशबाजी और अन्य गतिविधियों के कारण तनाव और थकान बढ़ सकती है, इसलिए योग और ध्यान का अभ्यास करना चाहिए। लक्ष्मी पूजा के समय श्री सूक्त का पाठ करने से मानसिक तनाव दूर होता है। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और उनके साथ पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
परिवार की सुख-शांति के उपाय
परिवार की खुशहाली और एकता बनाए रखने के लिए दिवाली के दिन पूरे परिवार के साथ पूजा करना शुभ होता है। मुख्य द्वार पर 11 दीये जलाएं और घर के सभी कोनों में दीपक रखें, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें और बुजुर्गों से आशीर्वाद लें।
व्यावसायिक उन्नति के उपाय
व्यापारी इस दिन अपने बहीखाते की पूजा करते हैं और नए वर्ष के लिए आशीर्वाद लेते हैं। लक्ष्मी-गणेश की पूजा कर व्यावसायिक उन्नति की प्रार्थना करें। बहीखाते पर कुमकुम का तिलक लगाकर पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होती है। नारियल पर कुमकुम का तिलक लगाकर अपनी दुकान में रखें, जिससे व्यापार में उन्नति होती है।
ज्योतिषी का विशेष मत
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित अरुण पांडे के अनुसार, "दिवाली केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि इसे ऊर्जा और ग्रहों की चाल के आधार पर शुभता प्राप्त करने का विशेष अवसर माना जाता है। दिवाली के दिन विधिपूर्वक लक्ष्मी-गणेश का पूजन और प्रदोष काल का ध्यान रखते हुए दीप जलाने से घर में स्थायी समृद्धि आती है। इस दिन आर्थिक कष्टों के निवारण के लिए श्रीयंत्र की पूजा और घर में 108 दीप जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, दिवाली के दौरान चंद्रमा का प्रभाव मजबूत होता है, अतः मानसिक शांति और पारिवारिक सुख के लिए ध्यान और योग का अभ्यास विशेष लाभकारी माना जाता है।"